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Introduction
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सिंहावलोकन
प्रकाशन विभाग अप्रैल 1924 में ब्रिटिश सरकार द्वारा स्थापित किया गया था तथा इसका कार्यालय कोलकाता (पश्चिम बंगाल) में था | इसका मुख्य उद्घेश्य सरकारी सूचना का प्रसार आम जनता में करना था | प्रारम्भ में यह कार्य सरकारी रिपोर्टों तक ही सीमित था | आगे के वर्षों में पुस्तकों तथा पत्रिकाओं की बिक्री तथा वितरण को शामिल करके इसके कार्य क्षेत्र का विस्तार हुआ तथा 1932-33 में यह कार्यालय दिल्ली में स्थानान्तरित हुआ | 1973 में प्रकाशन विभाग जिसमें प्रमुख के रूप में प्रकाशन नियंत्रक थे, ने प्रकाशन विभाग के नाम तथा साख से अपनी अलग से पहचान बनाई | यह आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार का एक अधीनस्थ विभाग है |
विभाग ने 63,500 से अधिक शीर्षकों को प्रकाशित किया है तथा इस समय 62,500 शीर्षक परिचालन में उपलब्ध है| औसतन, प्रत्येक माह 360 शीर्षक प्रकाशित किए जाते हैं तथा साथ ही साथ 10 शीर्षक छॅंटनी के लिए जाते हैं और प्रत्येक माह औसतन 50,000 से अधिक पुस्तकों के लिए 550� पैकेट भेजे जाते हैं| प्रकाशनों को मंत्रालय के नाम के अनुसार श्रेणीबद्घ किया जाता है तथा तदनुसार उनका भण्डार प्रबन्धन भी वैज्ञानिक तरीके से किया जाता है ताकि वे शीध्र तथा आसानी से उपलब्ध हों|
सेवाएं प्रदान की जाती है
1- भारत सरकार की पुस्तकों/पत्रिकाओं की बिक्री तथा वितरण |
2- पुस्तकों तथा पत्रिकाओं की बिक्री तथा वितरण के लिए प्रतिबंधित/नियमित
ऐजेन्टों का नामांकन करना |
3- प्रतिबन्धित ऐजेन्टों को 20% की छूट तथा प्राधिकृत नियमित ऐजेन्टों को
25% की छूट दी जाती है |
4- इस विभाग द्वारा सभी प्रकार की राजपत्र अधिसूचनाएं प्रकाशित की जाती है
तथा राजपत्र की प्रतियॉं बेची जाती है |
5- इस विभाग द्वारा सरकार की कानूनी अधिसूचनाओं तथा संकल्पों को प्रकाशित किया जाता है और उनकी प्रतियॉं बेची जाती है|
6- विभाग द्वारा पुराने राजपत्रों के कागज़ात जिनकी अदालतों में सुलभ संदर्भ के लिए जरूरत होती है, की प्रतियों का विधिवत सत्यापन किया जाता है और उन्हें बेचा जाता है|
7- नाम बदलवाने, बच्चा गोद लेने, खोने/नष्ट होने/चोरी होने की सूचनाओं को इस विभाग द्वारा राजपत्र नोटिस में छपवाया जाता है तथा बेचा जाता है |
8- इस विभाग द्वारा दिल्ली राजपत्र छपवाए जाते हैं तथा बेचे जाते हैं |